आप “सफलता” चाहते हैं तो आपको एक खास ‘पी.एच.डी’ करनी होगी । इसमें पी यानी ‘पैशन’ , एच यानी ‘हंगर’ और डी यानी ‘डिसिप्लिन’ है ।
- P – ‘PASSION’
- H – ‘HUNGER’
- D – ‘DISCIPLINE’
“सफलता” के लिए आपको करनी होगी खास पी.एच.डी । इस पी.एच.डी. में शामिल हैं आपके भीतरी गुण ।
- ‘पैशन‘ का फायदा :- जब आप किसी काम को पसंद करते हैं तो वह ‘पैशन’ बन जाता है। ‘पैशन’ के कारण आपको पता ही नहीं लगता कि उस काम में आपने कितना टाइम खर्च किया । आप उस काम को बेस्ट तरीके से करने का प्रयास करते हैं ।
- मिलेगी सही राह :- अब बात करते हैं ‘हंगर’ यानी भूख की । आपको अपना टारगेट हासिल करने की कितनी भूख है ? अगर आप पूरी शिद्दत के साथ अपना टारगेट पूरा करना चाहते हैं तो कड़ी मेहनत करें । बिना शिद्दत के आप बीच राह में रूक सकते हैं । शिद्दत के साथ काम न करने पर आप काम से ऊब सकते हैं । इसलिए आप वही काम करें , जिसे करने की आपके अंदर भूख को ।
- डिसिप्लिन :-
आखिर में नंबर आता है – ‘डिसिप्लिन’ का । हो सकता है कि आपके अंदर जोश और भूख हो , पर यदि आप अनुशासित नहीं हैं तो आप सही दिशा में आगे नहीं बढ़ पाएंगे । अनुशासन के लिए मन को काबू करना पड़ता है । बिना अनुशासन के आप काम बीच में छोड़कर एंटरटेनमेंट में लग सकते हैं । टारगेट से भटकने पर डिसिप्लिन ही आपको सही राह पर ला सकता है ।